Class 12 Micro Economics Chapter 3-Indifference Curve and Consumer Equilibrium 12thEconomicsNotes MicroEconomics by Eco_Admin - 25/04/202015/05/20211 Class 12 Micro Economics Chapter 3-Indifference Curve and Consumer Equilibrium Indifference Curve and Consumer Equilibrium In this post of Economics Online Class, we will learn about Indifference Curve and Consumer Equilibrium. तटस्थता वक्र Indifference Curve तटस्थता वक्र, एक तटस्थता समूह का रेखाचित्र प्रस्तुतीकरण है। यह दो वस्तुओं (सेब और संतरे) के उन सभी संयोगों को प्रकट करता है, जिनके बीच उपभोक्ता तटस्थ होता है। प्रत्येक संयोग संतुष्टि का समान पर प्रदान करता है। Indifference Curve यदि हम तटस्थता समूह तालिका को रेखाचित्र के रूप में प्रस्तुत करें तो हमें तटस्थता वक्र प्राप्त होता है। तालिका को रेखाचित्र के रूप में प्रस्तुत करने पर हमें 4 बिंदु ABCD प्राप्त होते हैं। OX अक्ष पर सेब तथा OY अक्ष पर संतरे दर्शाए गए हैं। उपभोक्ता इन इन चार बिंदुओं पर समान संतुष्टि प्राप्त करता है। अतः वह इन चारों बिन्दुओं के प्रति तटस्थ होता है। तटस्थता मानचित्र Indifference Map तटस्थता मानचित्र, तटस्थता वक्रों के एक समूह को व्यक्त करता है। एक ऊंचा तटस्थतावक्र IC2 संतुष्टि के ऊंचे स्तर को प्रकट करता है। तटस्थता वक्र की मुख्य विशेषताएं Properties of Indifference Curve तटस्थता वक्र (IC) की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं- 1- तटस्थता वक्र (अनधिमान वक्र) ऋणात्मक ढाल वाली होती है अथवा उसका ढाल नीचे की ओर होता है– एक तटस्थता वक्र का ढलान बाएं से दाएं नीचे की ओर होता है| यह प्रकट करती है कि यदि एक वस्तु अधिक ली जाती है तो दूसरी कम ली जाएगी | इसलिए कुल संतुष्टि किसी भी बिंदु पर समान रहती है। 2- तटस्थता वक्र मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर (Convex) होती है– तटस्थता वक्र सामान्यतः मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर होती है। इसका कारण सीमांत प्रतिस्थापन दर (MRS) की घटना है। 3- दो तटस्थता वक्र कभी भी एक दूसरे को छूते या काटते नहीं है– प्रत्येक तटस्थता वक्र संतुष्टि के विभिन्न स्तरों को प्रकट करती है | इसलिए इनका एक दूसरे को काटना संभव नहीं होता। 4- ऊंची तटस्थता वक्र संतुष्टि के ऊंचे स्तर को दर्शाती है– तटस्थता मानचित्र में एक ऊंची तटस्थता वक्र (IC2) निचली तटस्थता वक्र (IC1) तुलना में उन संयोगों को प्रकट करती है, जिनसे संतुष्टि का उच्च स्तर प्राप्त होता है। 5- तटस्थता वक्र न तो X अक्ष को और ना ही Y अक्ष को छूती है– तटस्थता वक्र में यह मान्यता होती है कि एक उपभोक्ता दो वस्तुओं की विभिन्न मात्राओं के एक संयोग को खरीदता है। इसलिए तटस्थता वक्र न तो X अक्ष को और ना ही Y अक्ष को छूती है। उपभोक्ता संतुलन Consumer Equilibrium उपभोक्ता का संतुलन उस स्थिति में होता है जिसमें वह अपने निर्धारित आय को विभिन्न वस्तुओं पर इस प्रकार खर्च करता है कि उसका संतुष्टि स्तर अधिकतम हो। उपभोक्ता उस स्थिति में संतुलन में होगा जब उसका तटस्थता वक्र और बजट रेखा एक दूसरे को स्पर्श करते हो। अन्य शब्दों में, हम कह सकते हैं कि उपभोक्ता संतुलन तब होता है जब कीमत रेखा (AD) का ढलान तटस्थता वक्र (IC) के ढलान के बराबर होता है और यह इसे स्पर्श करता है। इसे हम निम्न रेखा चित्र द्वारा समझा सकते हैं– Consumer Equilibrium रेखाचित्र में OX अक्ष पर पहली वस्तु अर्थात सेब और OY अक्ष पर दूसरी वस्तु अर्थात संतरे को दर्शाया गया है। AD उपभोक्ता की बजट रेखा है तथा IC तटस्थता वक्र है। यह दोनों एक दूसरे को E बिंदु पर स्पर्श करते हैं | अतः उपभोक्ता संतुलन E बिंदु पर होता है। इसके विपरीत यदि उपभोक्ता कोई अन्य बिंदु जैसे X (बजट रेखा की सीमा के अंदर) को चुनता है, तो इसका अर्थ है कि वह अपने संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं कर रहा है। यदि उपभोक्ता एक ऊंचे तटस्थता वक्र IC2 पर किसी बिंदु Z को चुनता है तो वह उस बिंदु पर भी संतुलन प्राप्त नहीं कर पाएगा। क्योंकि वह उसकी बजट रेखा से बाहर है। यदि आपको उपरोक्त में कोई शंका या सवाल है तो आप हमें कमेंट कर सकते है | ~Admin Team Economics online class working hard to provide you all Economics notes. We will upload all notes of this Economics course by CBSE and HBSE (Haryana board) If you have any doubt or questions, just write us on the comment box. Share this:Click to share on WhatsApp (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window)Like this:Like Loading... You may also like to visit