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Class 11 Economics Chapter 6-Diagrammatic Presentation of Data-Bar and Pie Diagrams

Class 11 Economics Chapter 5-Diagrammatic Presentation of Data-Bar and Pie Diagrams

 

अध्याय 6 :

आँकड़ों का चित्रीय प्रस्तुतीकरण: दण्ड आरेख तथा वृतीय आरेख

Diagrammatic Presentation of Data : Bar diagram and Pie Diagrams

 

आँकड़ों का चित्रीय प्रस्तुतीकरण (Diagrammatic Presentation of Data)

आँकड़ों को चित्रों द्वारा सरल, सुंदर और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है। चित्रीय प्रस्तुतीकरण को  मुख्य रुप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है-

  1. ज्यामितिक रूप : दण्ड आरेख, तथा वृतीय आरेख
  2. आवृति चित्र : आयत चित्र, बहुभुज तथा तोरण वक्र (ओजाइव)
  3. रेखीय ग्राफ अथवा कालिक श्रृंखला ग्राफ

इस अध्याय में हम दण्ड आरेख और वृतीय आरेख का विस्तार से अध्ययन करेंगें।  

1- दण्ड आरेख (Bar Diagrams)

दण्ड आरेख वह चित्र है जिसमें आंकड़ों को दण्डों या आयतों के रूप में प्रकट किया जाता है। दण्ड तथा उसकी विशेषताएं- दण्ड से अभिप्राय एक आयत या आयताकार आरेख से लिया जाता है। इसके द्वारा किसी चर के मूल्य प्रकट होते हैं।  इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  1. दण्डों की लंबाई या ऊंचाई में मूल्यों के अनुसार परिवर्तन आता रहता है अर्थात लंबाई अधिक या कम हो सकती है परंतु चौड़ाई एक जैसी रहती है।
  2. यह दण्ड ऊर्ध्वाधर/खड़े (Vertical) या क्षैतिज/पड़े (Horizontal) दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं परंतु ऊर्ध्वाधर दण्ड अधिक प्रचलित है।
  3. यह दण्ड एक दूसरे से समान दूरी पर बनाए जाते हैं।
  4. सभी दण्ड एक ही आधार रेखा पर स्थित होने चाहिए।
  5. यदि आंकड़ों का कोई विशेष क्रम में हो तो उन्हें बढ़ते क्रम या घटते क्रम के अनुसार प्रस्तुत करना चाहिए।
  6. दंडों को सुंदर तथा आकर्षक बनाने के लिए इन में रंग भर देना चाहिए।

 

दण्ड आरेख के प्रकार (Types of bar diagrams)

दण्ड आरेख के मुख्य प्रकार निम्नलिखित है-

1) सरल दण्ड आरेख (Simple Bar Diagrams)

सरल दण्ड आरेख वे दण्ड आरेख हैं जो एक ही प्रकार के संख्यात्मक तथ्यों के विभिन्न मूल्यों को दण्डों के द्वारा प्रकट करते हैं। यह दण्ड आरेख केवल एक तथ्य से संबंधित आंकड़ों जैसे जन्म दर, मृत्यु दर, जनसंख्या, आय, बिजली उत्पादन, विद्यार्थियों की संख्या आदि को प्रस्तुत करते हैं।

simple bar diagram
simple bar diagram
2) बहुगुणी दण्ड आरेख (Multiple Bar Diagrams)

बहुगुणी दण्ड आरेख वे दण्ड आरेख हैं जो दो या दो से अधिक तथ्यों के आंकड़ों को प्रस्तुत करता है। इनका प्रयोग विभिन्न तथ्यों जैसे जन्म दर तथा मृत्यु दर की तुलना के लिए किया जाता है।  प्रत्येक तथ्यों के मूल्य को प्रस्तुत करने के लिए अलग-अलग दण्ड बनाए जाते हैं। विभिन्न तथ्यों से संबंधित दण्डों को विभिन्न रंग भर कर दिखाया जाता है।  चित्र में यह अवश्य स्पष्ट कर देना चाहिए कि कौन सा रंग किस प्रकार के दण्ड को प्रकट कर रहा है।

multiple bar diagram
multiple bar diagram
3) उपविभाजित दण्ड आरेख या अंतर्विभक्त दण्ड आरेख (Sub-Divided Bar Diagrams or Differential Bar diagrams)

उपविभाजित दण्ड आरेख वह आरेख है जो किसी तथ्य के कुल मूल्य तथा उप-विभाजन को प्रस्तुत करता है। इस प्रकार के चित्र में संपूर्ण मूल्य का एक दण्ड बनाकर उसका उप-विभाजन कर दिया जाता है। दण्ड में विभिन्न भागों को अलग-अलग दिखाने के लिए उसमें विभिन्न रंग भर दिए जाते हैं। प्रत्येक दण्ड के विभिन्न भागों को एक ही क्रम में रखना चाहिए इसे अंतर-विभक्त दण्ड भी कहते हैं।

Sub-Divided Bar Diagrams or Differential Bar diagrams
Sub-Divided Bar Diagrams or Differential Bar diagrams
4) प्रतिशत दण्ड आरेख (Percentage Bar Diagrams)

प्रतिशत दण्ड आरेख वह विधि है जिसमें किसी तथ्य के विभिन्न भागों के मूल्यों को प्रतिशत के रूप में दिखाया जाता है। कुल मूल्य अर्थात दण्ड की लंबाई को 100 मान लिया जाता है। इसके पश्चात सभी मदों के मूल्य को प्रतिशत के रूप में बदल लिया जाता है। फिर संचयी प्रतिशत निकाल लिया जाता है। इसके पश्चात उचित मापदण्ड जैसे 1 सेंटीमीटर=10% के अनुसार 100% के बराबर ऊंचाई के सरल दण्ड आरेख बनाकर उन्हें संचयी  प्रतिशतों के बराबर हिस्सों में बांट लिया जाता है। विभिन्न भागों को अलग-अलग रंग में दिखाया जाता है। यह चित्र वास्तव में उपविभाजित आरेख का ही एक रूप है। इसका प्रयोग तब किया जाता है जब दो प्रकार के आंकड़ों में बहुत अधिक अंतर होता है।

Percentage Bar Diagrams
Percentage Bar Diagrams

2- वृतीय आरेख (Pie or Circular Diagrams)

वित्तीय आरेख वह चित्र है जिसमें एक वृत्त को कई भागों में बांटकर आंकड़ों के विभिन्न विभिन्न प्रतिशत या सापेक्ष मूल्यों को प्रस्तुत किया जाता है।

  1. सबसे पहले किसी श्रृंखला के निरपेक्ष मूल्यों को प्रतिशत मूल्यों में बदला जाता है।
  2. क्योंकि प्रत्येक वृत के कोणों का योग 360 डिग्री होता है अतः हम इन सापेक्ष मूल्यों को प्रतिशत के रूप में कोण के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
  3. किसी आंकड़े से संबंधित विभिन्न मूल्यों को 360-degree अंश के विभिन्न भागों में प्रस्तुत किया जाता है प्रत्येक भाग का अंश निकालने के लिए उसके मूल्यों को 360 से गुणा करके 100 से भाग कर दिया जाता है।
  4. इसके पश्चात प्रत्येक मूल्यों को वृत्त में घड़ी की सुई की दिशा के अनुसार प्रकट किया जाता है।

 

Pie or Circular Diagrams
Pie or Circular Diagrams

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